Saturday 9 January 2010

नेपाल मेरा देश, मेरी आँख् का तारा

By कवि अब्दुल लतिफ शोफ

Source: Himal Khabar Patrika


नेपाल मेरा आँख् का तारा
नेपाल मेरा देश, मेरी आँख् का तारा
सौ जान से प्यारा मेरी सौ जान से प्यारा

अल्लाहने कुदरत की अजब शान दिखादी
दामन मे हिमाला कि यी फैली हर्ुइ वादी
जन्नत कि कोई शै है जिसे लाके बिछादी

नजरो के उडें होश यहाँ वह है नजारा
नेपाल मेरा देश, मेरी आँख् का तारा

क्या चीज है यी दशतो जवल नदिया व नाले
जंगल कि फजावों मे भी महके गुलोलाले
शायर न इनहे क्या भला अशआर मे ढाले

कायम है इन्ही से यहाँ अजमतका मिनारा
नेपाल मेरा देश, मेरी आँख् का तारा

देति है सदा गुल की लचकती हर्ुइ डाली
क्या खुब है क्या खुब यी गुराँस की लाली
इस देश मे जो शै है उ है देख्ने वाली

जुम्लाकी चटानें हो या कर्ण्ााली की धारा
नेपाल मेरा देश, मेरी आँख् का तारा

इस वक्त यहाँ क्या है नजर किस की गडी है
राहत कि हरेक चिज बिखडी पडी है
दिल सब के धडक्ते है, मगर कर्व बडी है

उल्झन मे फंसा है यी जिगर सोज का मारो
नेपाल मेरा देश, मेरी आँख् का तारा

यह चिख यह आवाजे फोगाँ स्वर सरावे
यह बम कि गरज, गोलियाँ यह खुन खराबे
दिखते है सभि र्सर्ुख हो गाँजर या दोआबे

बदला है किस अंदाज से धरती का नजारा
नेपाल मेरा देश, मेरी आँख् का तारा

जब शहर मे दहशत हो तो अच्छा नही लगता
आपस मे बगावत हो तो अच्छा नही लगता
नीलाम शराफत हो तो अच्छा नही लगता

बदनाम न हो जाये कही नाम हमारा
नेपाल मेरा देश, मेरी आँख् का तारा

नफरत कि भडक्ती हर्ुइ लौ मे नजलो अब
यह आग का जो खेल है उ बंद करो अब
हो देश के और देश बनाने मे लगो अब

हर लम्हा यह आवाज लगाता है धररा
नेपाल मेरा देश, मेरी आँख् का तारा

अब गीत यहाँ अम्न के तुम गाव तो अच्छा

अब एक हि मकसद मे सिमटआव तो अच्छा
नेपाली हो नेपाल के बन जाव तो अच्छा

चम्कादो यहाँ प्यार व मोहब्वत का सितारा
नेपाल मेरा देश, मेरी आँख् का तारा

ऐ शोक बस अब आन बचालो तो बडी बात
गिर्ती हर्ुइ हालतको समालो तो बडी बात
तुम देशका आईन बनालो तो बडी बात

हो जायगा दुनियाँ मे वडा नाम तुम्हारा
नेपाल मेरा देश, मेरी आँख् का तारा
सौ जान से प्यारा मेरी सौ जान से प्यारा

No comments: